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अनुच्छेद 99 के बारे में  खबरों में क्यों? संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों को संबोधित करने के लिए संयुक्त ...

आज के समय में भी बहुत से लोगों को ज्ञात नहीं है कि नेट बैंकिंग क्या होता है। नेट बैंकिंग, जिसे इंटरनेट बैंकिंग के रूप में भी जाना जाता है, बैंकों द्वारा दी जाने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक सेवा है जो ग्राहकों को वित्तीय के साथ-साथ गैर-वित्तीय बैंकिंग उत्पादों को ऑनलाइन एक्सेस करने में सक्षम बनाती है।पहले ग्राहकों को छोटी सेवा के लिए भी बैंकों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन, इंटरनेट बैंकिंग के आने के बाद, लगभग सभी बैंकिंग सेवाओं और उत्पादों को ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकता है। फंड ट्रांसफर से लेकर डिमांड ड्राफ्ट का अनुरोध करने तक, नेट-बैंकिंग सभी बैंकिंग आवश्यक सुविधाएं प्रदान करती है। यह न केवल सुविधाजनक है बल्कि बैंकिंग का एक सुरक्षित तरीका भी है।

नेट बैंकिंग का उपयोग कैसे करें?
नेट बैंकिंग का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को बैंक में इंटरनेट बैंकिंग के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है।
किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में परिचालन खाता रखने वाले व्यक्ति इंटरनेट बैंकिंग के लिए पंजीकरण कर सकते हैं।
नेट बैंकिंग के ठीक से काम करने के लिए, आपको एक पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल फोन और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है।
पंजीकरण के बाद, बैंक द्वारा एक विशिष्ट ग्राहक आईडी और पासवर्ड जारी किया जाता है, जिसके उपयोग से कोई भी व्यक्ति नेट बैंकिंग पोर्टल में लॉग-इन कर सकता है।
नेट बैंकिंग पोर्टल में लॉगिन करने के बाद सभी बैंकिंग सेवाओं को एक्सेस किया जा सकता है।
नेट बैंकिंग सुविधाएं
इंटरनेट बैंकिंग क्या है, यह सही प्रकार से समझने के लिए इसकी सुविधाओं को जानना जरूरी है जो कि निम्नलिखित हैं।

बैंकिंग का एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका
पासवर्ड सुरक्षित बैंकिंग प्रणाली
वित्तीय और गैर-वित्तीय बैंकिंग उत्पादों/सेवाओं तक आसान पहुंच
अपने बैंक खाते को कभी भी कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं
बैंक बैलेंस, अंतिम लेनदेन, स्टेटमेंट आदि को ट्रैक और प्रबंधित कर सकते हैं
एनईएफटी, आरटीजीएस, और आईएमपीएस के माध्यम से कभी भी ऑनलाइन फंड ट्रांसफर कर सकते हैं
बिल (बिजली, पानी, गैस, आदि) भुगतान भी कर सकते हैं
भुगतान, ऋण, बचत खाता आदि का ट्रैक रख सकते हैं
स्वचालित भुगतानों को चैनलाइज या रद्द कर सकते हैं
ऑनलाइन बैंकिंग के लाभ
किसी भी समय, कहीं से भी बैंकिंग सेवाओं को एक्सेस करने में सक्षम होने के अलावा, ऑनलाइन बैंकिंग के अन्य लाभ भी हैं जो कि निम्नलिखित हैं।

बिलों का ऑनलाइन भुगतान करें
यह ऑनलाइन बैंकिंग के शीर्ष लाभों में से एक हो सकता है, क्योंकि ऑनलाइन बैंकिंग के बाद आपको बिलों के भुगतान के लिए बैंक जाकर अपना समय खराब करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आप बस अपने बैंक खाते में लॉग इन करें और तुरंत अपने बिलों का भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं।

अपने कार्य को आसान बनाने के लिए, आप स्वचालित बिल भुगतान भी सेट कर सकते हैं, जो आपको अपने नकदी प्रवाह को प्रबंधित करने में मदद करता है, जब आपके पास विक्रेताओं से मासिक भुगतान होता है।

1.धन हस्तांतरण
ऑनलाइन बैंकिंग की मदद से आप किसी भी ग्राहक या विक्रेता को शीघ्रता से धन हस्तांतरण कर सकते हैं और अपने एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में भी धन हस्तांतरित कर सकते हैं। रजिस्टर्ड चेक भेजने और उसके क्लियर होने की प्रतीक्षा करने के बजाय, आप सुरक्षित रूप से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।

2. ऑनलाइन चेक जमा
बैंक शाखा में जाने और लाइन में प्रतीक्षा करने के बजाय, आप ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा के माध्यम से मिनटों में ऑनलाइन चेक जमा कर सकते हैं। साथ ही, कुछ बैंक 24/7 ग्राहक सेवा प्रदान करते हैं, इसलिए आप किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी भी समय ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात कर सकते हैं।
व्यवसाय 
वैसे तो व्यवसाय शब्द से हम सभी परिचित है। व्यवसाय एक आर्थिक क्रिया है। जिसमें वस्तुओं का क्रिय-विक्रय क्या जाता है। वास्तविकता मे हम व्यापार को ही व्यवसाय समझते है लेकिन व्यवसाय का एक विशिष्ट अर्थ है। इस लेख मे हम व्यवसाय की परिभाषा, विशेषताएं और प्रकार के बारे चर्चा करेंगे।
व्यवसाय का अर्थ (vyavsay ka arth)
व्यवसाय एक ऐसी आर्थिक क्रिया है जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं और सेवाओं का नियमित रूप से उत्पादन क्रय-विक्रय विनियम और हस्तांतरण किया जाता है। व्यवसाय को हम तभी व्यवसाय कहेगें जब उसमे आर्थिक क्रियाओं मे नियमितता हो। व्यसाय मे उन सभी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है, जिसमें वस्तुओं के उत्पादन से लेकर वितरण तक क्रियाएं की जाती है। व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए धन प्राप्त करना होता है। 

व्यवसाय की परिभाषा (vyavsay ki paribhasha)
व्यवसाय की परिभाषा मैल्विवन ऐन्सन के अनुसार इस प्रकार है--
"व्यवसाय जीविकोपार्जन का तरीका होता है।
"इस प्रकार व्यवसाय में वे संपूर्ण मानवीय क्रियाएं आ जाती हैं, जो वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन एवं वितरण के लिए की जाती है।
किंग्सले डेविस के अनुसार " व्यवसाय शब्द का अर्थ विस्तृत रूप मे निजी एवं सार्वजनिक दोनों ही संस्थाओं को संबोधित करता है जो कि एक समाज मे आर्थिक मूल्यों का विकास तथा प्रविधीकरण करती है।
व्यवसाय की मुख्य विशेषताएं (vyavsay ki visheshta)
1. व्यवसाय एक मानवीय आर्थिक क्रिया है।

2. प्रत्येक व्यवसाय को समाज और राज्य द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है।

3. व्यवसाय लाभ को ध्यान मे रखकर किया जाता है।

4. व्यवसाय में व्यवसाय करने वाले को जोखिम उठाना पड़ सकता है।

5. व्यवसाय के लिए व्यवसायी मे साहस और धैर्यें होने चाहिए।


6. व्यवसाय सिर्फ लाभ के लिए ही नही होता, वरन् दोनों पक्षों के पारस्परिक हित के लिए भी होता है।

7. व्यवसाय में वस्तुओं का उत्पादन, विनिमय, वितरण आदि क्रिया सम्मिलित होती है।

8. व्यवसाय में आर्थिक क्रियाओं में नियमितता होना अनिर्वाय है।

9. व्यवसाय की सभी क्रय पुनः विक्रय के उद्देश्य से ही की जाती है।

10. व्यवसाय की सभी क्रियाएं राष्ट्र के नियम और कानूनों के मुताबिक ही होती है।

11. उपयोगिता का सृजन करना एवं सृजन में मदद देना दोनों ही व्यवसाय है।

12. व्यवसाय मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाने वाली आर्थिक क्रिया है।

13. व्यवसाय को तभी व्यवस्या कहा जायेगा जब आर्थिक क्रियाओं मे नियमितता हो अर्थात् एक बार किसी वस्तु का विक्रय करना व्यवसाय करना व्यवसाय नही है।

14. वस्तुओं का उत्पादन, विनिमय वितरण इस क्रिया मे सम्मिलित होता हैं।

15. व्यवसाय व्यक्ति की मनोवृत्ति को निर्धारित करता है। 
व्यवसाय के प्रकार (vyavsay pirakary)


डाॅ. डी. खुल्लर के आर्थिक क्रियाओं के आधार पर व्यवसाय चार प्रकार बतायें हैं----

1. प्राथमिक क्रियाकलाप 

जिन क्रियाओं मे मनुष्य प्रकृति प्रदत्त संसाधनो का सीधा उपयोग करता है और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करता है वे सभी क्रियाकलाप प्राथमिक क्रियाकलाप कहलाएँगे। इनसे प्राथमिक व्यवसाय की श्रेणी का निर्धारण होता है। प्राथमिक क्रियाकलाप के उदाहरण हैं, वनो से संग्रह, शिकर करना, लकड़ी काटना, पशुपालन, मछली पालन, कृषि कार्य आदि।

2. द्दितीयक क्रियाकलाप 
द्दितीयक क्रियाकलापों मे कृति प्रदत्त संसाधनो का सीधा उपयोग नही किया जाता। बल्कि प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं को परिष्कृत कर उपयोग मे लाया जाता है। जैसे गेहूँ से आटा, कपास से सूत बनाना, लोहे से इस्पात, लकड़ी से फर्नीचर आदि। द्वितीय व्यवसाय की यह अवस्था औधोगिक विकास की अवस्था होती है।
3. तृतीयक क्रियाकलाप 
तृतीयक क्रियाकलाप मे समुदाय को दी जाने वाली सेवाओं से संबंधित क्रियाकलाप आते है। जीवन के विविध क्षेत्रों से जुड़ी सेवाएं जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासन, संचार, व्यापार, यातायात इत्यादि। इन्हें तृतीयक व्यवसाय कि श्रेणी मे रखा जा सकता हैं।
4. चतुर्थक क्रियाकलाप 
चतुर्थक क्रियाकलाप एक अन्य तरह का क्रियाकलाप है जिससे संबंधित सेवाओं को चतुर्थक व्यवसाय के अंतर्गत रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए शोध कार्य, वैज्ञानिक, कलाकार, नेतृत्व, वकालत आदि।
UPI Full Form in Hindi
UPI का फुल फॉर्म है Unified Payments Interface UPI बैंकों से लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई एक पेमेंट सर्विस है, जिससे पैसों का लेनदेन ऑनलाइन UPI की मदद से बहौत जल्दी पैसे ट्रांसफर किये जा सकते हैं. UPI को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित किआ जाता है. UPI में IMPS (तुरंत फंड ट्रांसफर) की मदद से किसी अकाउंट में फंड ट्रांसफर. इससे फंड ट्रांसफर में NEFT से कम समय लगता है. UPI के बारे में और अच्छे से जानने के लिए आप निचे दिगई कोई भी लिंक्स से ले सकते हैं, हमने सबसे अच्छे आर्टिकल की लिंक यहाँ पर आपको दिखाई है.

UPI का Full Form क्या है ?
UPI का Full Form होता है Unified Payments Interface

वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) या UPI ID: VPA का उपयोग करके मैप किए गए बैंक खाते में / से पैसे भेजें या अनुरोध करें।
मोबाइल नंबर: मोबाइल नंबर का उपयोग करके मैप किए गए बैंक खाते में / से पैसे भेजें या अनुरोध करें।
आधार: आधार नंबर का उपयोग करके मैप किए गए बैंक खाते में पैसे भेजें।
खाता संख्या और IFSC: बैंक खाते में पैसे भेजें।
क्यूआर कोड: क्यूआर कोड द्वारा पैसा भेजें जिसमें वीपीए, खाता संख्या और IFSC या मोबाइल नंबर संलग्न है।
UPI Kya Hai?
UPI Meaning in Hindi या UPI Id Ka Matlab “एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (Unified Payment Interface)” होता है। UPI ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम का एक नया तरीका है, जो भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) एवं भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा शुरू किया गया है, जनता की सुविधा के लिए। यह एक ऐसा एप्लीकेशन है, जो आपको Mobile के माध्यम से, दो बैंक एकाउंट्स के बीच में पैसे ट्रान्सफर करने में मदद करता है। UPI एक प्रकार की नई डिजिटल टेक्नोलॉजी है, जो कि वर्तमान समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। लोग अक्सर पूछते रहते है कि UPI Id Kya Hoti Hai, इसलिए हमने सोंचा क्यों न आपको इसकी जानकारी प्रदान की जाये है।

यूपीआई की शुरुवात कब हुई
UPI की शुरुवात 11 अप्रैल 2016 को NPCI (National Payment Corporation On India) तथा RBI (Reserve Bank Of India) के द्वारा की गयी थी.

UPI को एक पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था. उस समय के गवर्नर डॉ रघुराम राजन जी ने इस प्रोजेक्ट को 21 सदस्य बैंकों के साथ शुरू किया था.

यूपीआई की सेवाएँ (UPI Service in Hindi)
UPI मुख्य रूप से दो प्रकार की सेवाएँ यूजर को प्रदान करवाता है.

वित्तीय सेवाएँ
गैर वित्तीय सेवाएँ
चलिए अब इन दोनों सर्विस के बारे में समझते हैं.

UPI की वित्तीय सेवाएँ
UPI वित्तीय सेवाओं के अंतर्गत निम्नलिखित सेवाएँ यूजर को प्रदान करवाती है.

पैसों को ट्रान्सफर करना.
पैसों को प्राप्त करना.
बैंक बैलेंस को Check करना.
बिलों का भुगतान करना.
ऑनलाइन रिचार्ज करना.
किसी अन्य UPI यूजर को पैसों के लिए Request भेजना.
UPI की गैर वित्तीय सेवाएँ
UPI की गैर वित्तीय सेवाओं के अंतर्गत निम्नलिखित सेवाएँ सम्मलित हैं.

PIN बनाना.
PIN बदलना.
OTP जनरेट करना.
लेन – देन का पूरा विवरण देखना.
QR कोड जनरेट करना.
बैंक अकाउंट जोड़ना और हटाना.
किसी Transaction में होनी वाली रुकावट के लिए पूछताछ करना.
यूपीआई के फायदे (Advantage of UPI in Hindi)
UPI को इस्तेमाल करने के अनेक सारे फायदे हैं. यहाँ नीचे हमने UPI के कुछ फायदों के बारे में आपको बताया है.

UPI ऑनलाइन पेमेंट का सबसे सुरक्षित और फ़ास्ट माध्यम है.
UPI से आप कभी भी पेमेंट कर सकते हैं यह सर्विस पूरे साल और 24 घंटे उपलब्ध रहती है.
आप केवल एक एप्प के द्वारा किसी भी बैंक से पेमेंट कर सकते हैं.
UPI से पैसे ट्रान्सफर करने पर आपको किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता है.
पैसे ट्रान्सफर करने के लिए आपको केवल सामने वाले की UPI ID की जरुरत होती है.
UPI का उपयोग करना बहुत आसान है, इसका इस्तेमाल करने के लिए किसी टेक्निकल नॉलेज की जरुरत नहीं पड़ती है.
UPI से पैसे भेजने की कितनी लिमिट है? What is the limit to send money from UPI
भारत सरकार द्वारा UPI के माध्यम से पैसे भेजने की लिमिट भी निर्धारित की गई है। UPI के माध्यम से कोई भी नागरिक एक ट्रांजैक्शन में ₹100000 से अधिक पैसे नहीं भेज सकता है। एक लाख से अधिक रुपए भेजने के लिए आपको कई ट्रांजैक्शन के माध्यम से पैसे भेजने होंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) क्या है?
Reserve Bank of India rbi kya hai in hindi
आरबीआई एक केंद्रीय बैंक है, जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को आरबीआई अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी. केंद्रीय बैंक का उद्देश्य भारत में आर्थिक स्थिरता और विकास सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय संस्थानों को विनियमित करना है.

भारतीय रिजर्व बैंक भारत में वित्तीय स्थिरता बनाने के लिए मौद्रिक नीति का उपयोग करता है और देश के धन और ऋण प्रणालियों को विनियमित करने के लिए काम करता है.

आरबीआई को पहली बार 1935 में एक निजी संगठन के रूप में स्थापित किया गया था और 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था.

वर्तमान समय में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 31 स्थानों पर कार्यालय हैं, जिसका मुख्यालय मुंबई में है.

आरबीआई फुल फार्म क्या है?
आरबीआई का फुल फॉर्म Reserve Bank of India है. RBI का मतलब हिंदी में भारतीय रिजर्व बैंक होता है. यह एक केंद्रीय बैंक है जो भारत की अर्थव्यवस्था को मैनेज करती है.

आरबीआई फुल फॉर्म हिंदी में: भारतीय रिजर्व बैंक

RBI Full Form In English: Reserve Bank Of India

Interesting Facts About RBI In Hindi
अभी हम आपको यहां पर भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आप नीचे पढ़ सकते हैं:

A International Central Bank

हमारे देश के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इंटरनेशनल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तौर पर भी काम किया है.

वर्तमान समय में भारत के पड़ोसी देश बर्मा जिसे अभी म्यांमार के नाम से जाना जाता है, उसके सेंट्रल बैंक के रूप में भी सेवाएं दी है.

बर्मा 1937 में इंडियन यूनियन से अलग हो गया था लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल 1947 तक बर्मा के सेंट्रल बैंक के तौर पर भी अपनी सेवाएं दी है.

भारत के पार्टीशन के बाद भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जून 1948 में पाकिस्तान के लिए भी सेंट्रल बैंक के तौर पर काम किया है.

इसके बाद 1 जनवरी 1949 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया.

पुराने नोट को बदलना

आरबीआई पुराने नोटों को बदलने का भी काम करता है अगर आपके पास कोई भी नोट है जो कि 20% फटा हुआ है तो ऐसे में आप अपने नजदीकी किसी भी बैंक को उस नोट को बदलवा सकते हैं.

गवर्नर के हस्ताक्षर नोट पर होना

भारत के पहले गवर्नर जनरल ने कभी भी नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए थे आरबीआई कार्य फैक्ट्री सबसे अधिक लोकप्रिय है, वैसे नोट पर गवर्नर के सिग्नेचर का होना बहुत ही जरूरी है तभी वह नोट वैलिड माना जाता है.

आरबीआई का मुख्यालय कहाँ है?
आरबीआई का मुख्यालय वर्तमान समय में मुंबई में स्थित है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1 अप्रैल 1935 में आरबीआई एक्ट 1934 के तहत Hilton Yong Commission कमीशन की सिफारिशों के आधार पर की गई थी.

आजादी के बाद 1 जनवरी 1949 को इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था. तब से यह पूर्ण रूप से भारत सरकार के स्वामित्व में है.

शुरुआती समय में आरबीआई बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थित था परंतु, लेकिन वर्ष 1937 में इसे स्थायी रूप से मुंबई स्थानांतरित किया गया है.!!

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