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🚩 आयुष मंत्रालय द्वारा लेह स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोवा रिग्पा एवं सिक्किम के नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी ( एनआईटी ) के सहयोग से पूर्वोत्तर राज्यों में कार्यरत सोवा - रिग्पा चिकित्सकों के लिए राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा ।
🚩 ' सोवा- रिग्पा ' को सामान्यतः ' आमची ' चिकित्सा पद्धति के रूप में जाना जाता है , जो कि विश्व की प्राचीनतम चिकित्सकीय परंपराओं में से एक है । यह लद्दाख , हिमाचल प्रदेश , अरुणाचल प्रदेश , सिक्किम और दार्जिलिंग में प्रचलित है ।
🚩 कुछ विद्वानों का मानना है कि 2500 वर्ष से अधिक प्राचीन यह चिकित्सा पद्धति भारत में विकसित हुई है जबकि कुछ चीन या तिब्बत से उत्पन्न मानते हैं ।
🚩 इसके अधिकांश सिद्धांत ' आयुर्वेद ' के समान है जो ' पंचमहाभुत ' एवं ' त्रिदोष ' पर आधारित है । ' सोवा - रिग्पा ' के अनुसार हमारा शरीर पांच भौतिक तत्त्वों से निर्मित है , जब इन तत्त्वों का अनुपात हमारे शरीर में असंतुलित हो जाता है तो शरीर में रोग उत्पन्न हो जाते हैं ।
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