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अनुच्छेद 99 के बारे में  खबरों में क्यों? संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों को संबोधित करने के लिए संयुक्त ...

आज का सामान्य ज्ञान🎊

हमारे देश में कई मौकों पर फायरिंग की जाती है. सुरक्षाबल देश के दुश्मनों को मारने के लिए फायरिंग करते हैं तो पुलिसकर्मी अपराधियों को धर-दबोचने के लिए फायरिंग करते हैं. इनके अलावा कुछ अराजक तत्व दहशत फैलाने के लिए हवा में फायरिंग कर देते हैं. इतना ही नहीं, हमारे देश में शादी-ब्याह के मौकों पर भी फायरिंग की जाती है, जिसे हर्ष फायरिंग कहा जाता है. ये तो हम सभी जानते हैं कि बंदूक से निकलने वाली गोली इंसान के शरीर में घुसने के बाद उसे गंभीर रूप से घायल कर देती है और कई बार उसकी जान भी ले लेती है.

📌कहां जाती है हवा में फायर की गई बुलेट।।
इंसान पर की गई फायरिंग के दौरान बंदूक से निकली बुलेट उसके शरीर में प्रवेश करने के बाद अंदर ही रह जाती है या आरपार हो जाती है जबकि उसका खोखा या कवर बंदूक से फायरिंग करते समय वहीं गिर जाता है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि हवा में फायरिंग करने के बाद गोली कहां जाती है? यदि आपने कभी इस पर विचार नहीं किया तो आज हम आपको ऐसे ही कुछ पेचीदा सवालों के जवाब देने जा रहे हैं.

📌तीन हिस्सों से मिलकर बनता है कार्ट्रिज।।
फायरिंग की पूरी प्रक्रिया विज्ञान पर आधारित है. फायरिंग में इस्तेमाल होने वाली गोली के मूलतः तीन हिस्से होते हैं. बंदूक से निकलने वाली गोली को 'कार्ट्रिज' कहा जाता है. कार्ट्रिज के तीन हिस्से होते हैं.

इसके सबसे आगे वाले हिस्से को 'बुलेट' कहते हैं जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर उसे गंभीर चोट पहुंचाता है. बीच वाले हिस्से को 'केस या खोखा' कहा जाता है, जिसमें बारूद भरा होता है.

कार्ट्रिज के सबसे पिछले हिस्से को 'प्राइमर कंपाउंड' कहा जाता है जो फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है. फायरिंग करते वक्त कार्ट्रिज का खोखा बंदूक से निकलकर वहीं गिर जाता है और बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है.

📌क्या जमीन पर गिरते वक्त किसी की जान ले सकती है बुलेट।।
हवा में फायरिंग करने के मामले में बुलेट आसमान की ओर काफी लंबी दूरी तय करता है और फिर गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से जमीन पर ही वापस लौटता है.

हवा में बुलेट का सफर हवा की गति और बंदूक की क्वालिटी पर निर्भर करता है. यदि ये बुलेट वापस जमीन पर गिरते समय किसी इंसान को चपेट में ले भी ले तो इसके ज्यादा खतरनाक नतीजे नहीं होते हालांकि कुछ इसके अपवाद भी मिलते हैं क्योंकि कभी-कभी यह जानलेवा भी साबित हुई है। 

सामान्यतः ज्यादा खतरनाक नहीं होती, इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि फायरिंग करते वक्त बुलेट जिस रफ्तार से सफर करती है, वापस आते वक्त इसकी रफ्तार कई गुना कम हो जाती है. हालांकि, यदि फायरिंग करते वक्त बुलेट किसी ठोस चीज से टकराकर वापस आ जाए तो ये खतरनाक हो सकती है.

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