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इसे अब बस्तर में छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पराली बोडल गांव में केले के बागान में देखा गया है।

ये चमगादड़ जोड़े में बसेरा (रूस्ट)करने के लिए जाने जाते हैं। ये अक्सर असामान्य रुस्टिंग साइटों जैसे बुनकर फिंच और सनबर्ड्स के घोंसले, और केले के पत्ते में पाए जाते हैं।

नारंगी रंग के चमगादड़ को पेंटेड चमगादड़ के नाम से भी जाना जाता है। इसे बटरफ्लाई बैट के नाम से भी जाना जाता है।

इसकी विशेषता चमकीले नारंगी और काले पंख हैं। इसका वैज्ञानिक नाम 'केरीवौला पिक्टा' है।

यह आम तौर पर बांग्लादेश, ब्रुनेई, बर्मा, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड और वियतनाम में पाए जाते हैं।

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी चूना पत्थर की गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। वे चमगादड़ों के लिए उपयुक्त आवास भी प्रदान करते हैं।

देश में चमगादड़ों की करीब 131 प्रजातियां हैं। इनमें से 31 मध्य भारत में पाए जाते हैं।

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