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KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...

हाल ही में समुद्री मार्ग पर जहाजों को लूटने वाले दस्युओं पर शिकंजा कसने और महासागरों के माध्यम से व्यापार को प्रभावी एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से प्रस्तुत 'समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक' को संसद की मंजूरी मिल गई।

 • बिल की मुख्य विशेषताएँ:

 यह बिल भारतीय अथॉरिटीज़ को अंतरर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र में पायरेसी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम बनाता है।

 यह बिल संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के मद्देनजर पेश किया गया है। यह एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) से आगे के समुद्र क्षेत्र, यानी भारतीय समुद्री तट के 200 नॉटिकल मील से परे लागू होता है।

 समुद्री पायरेसीः

 इस बिल के अनुसार पायरेसी का अर्थ है, किसी निजी जहाज या एयरक्राफ्ट के चालक दल या यात्रियों द्वारा निजी उद्देश्य के लिए किसी जहाज, एयरक्राफ्ट, व्यक्ति या प्रॉपर्टी के खिलाफ हिंसा, बंधक बनाने या नष्ट करने की गैरकानूनी कार्रवाई करना ।

पायरेसी में हिंसा के लिए उकसाना या जान-बूझकर इस कार्रवाई को आसान बनाना तथा जहाज या नौका की पायरेसी में स्वेच्छा से भाग लेना भी शामिल है।

 क्या है 'समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक, 2019' ?

 यह विधेयक संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के मद्देनजर पेश किया गया था।

 • यह विधेयक भारतीय अधिकारियों को गहरे समुद्र में समुद्री डकैती के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार देता है।

 विधेयक भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) से बाहर के समुद्र, यानी भारतीय समुद्री तट के 200 नॉटिकल मील से आगे लागू होता है।

 • इसका मतलब है कि समुद्र में भारतीय अधिकारी समुद्रतट से 200 ਸੀਲ दूर डकैती के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम होंगे।


 एंटी-मैरीटाइम पायरेसी विधेयक से अंतरर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा जिससे न केवल भारत कानूनी आधार पर जलदस्युता की गतिविधियों में लिप्त लोगों पर अभियोग चला सकेगा, बल्कि जलदस्युओं द्वारा पकड़े गए भारतीय मछुआरों का कल्याण भी संभव हो सकेगा।

 समुद्री पायरेसी करने पर सजा का प्रावधान-

 आजीवन कारावास या मृत्यु, अगर पायरेसी में हत्या की कोशिश शामिल है और उसके कारण किसी की मृत्यु हो जाती है।

 अगर कोई पायरेसी के कार्य में भाग लेता है, उसकी योजना बनाता है, उसमें मदद करता और उसे समर्थन देता है, और किसी दूसरे को पायरेसी में भाग लेने का निर्देश देता है तो उसके लिए 14 साल तक की सजा का प्रावधान है, साथ ही जुर्माना भी देना होगा।

 विधेयक भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) से सटे और उसके आगे के समुद्र, यानी समुद्री तट के 200 नॉटिकल मील के आगे के सभी हिस्सों पर लागू होगा।

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