✅नाम कलाम से आया है, यानी एक कलम, जिसका उपयोग इन अति सुंदर चित्रों को चित्रित करने के लिए किया जाता है।
✅इस्तेमाल की जाने वाली कलम तेज नुकीले बांस से बनी होती है, जिसका इस्तेमाल रंगों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। आधार सूती कपड़ा है जबकि इस्तेमाल किए गए रंग वनस्पति रंजक हैं।
✅कलम को किण्वित गुड़ और पानी के मिश्रण में भिगोया जाता है; एक-एक करके इन्हें लगाया जाता है और उसके बाद वनस्पति रंगों को लगाया जाता है
✅इस कला के मुख्य केंद्र श्रीकालहस्ती और मछलीपट्टनम हैं
आंध्र प्रदेश राज्य।
✅तस्वीरें हाथ से खींची जाती हैं और प्रेरणा हिंदू पौराणिक कथाओं से मिलती है।
✅हस्तकला वाले वस्त्रों का भी यहाँ उत्पादन होता है। कलमकारी चित्रकला का अस्तित्व विजयनगर साम्राज्य के दौरान भी था
✅ इसे जीआई का दर्जा प्राप्त है।
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