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KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...

नौतपा केवल गर्मी के नौ दिन नहीं हैं, बल्कि इनका ज्योतिषीय, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व भी है। यह समय सूर्य देव की उपासना, दान-पुण्य और प्रकृति के चक्र को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस प्रकार नौतपा का भी हमारे जीवन में बहुत महत्व है।
 
हिन्दू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में निश्चित रूप से नौतपा या नवतपा के 9 दिनों का विशेष महत्व है। नौतपा के इन 9 दिनों का यह समय भगवान सूर्य नारायण की आराधना-उपासना, दान-पुण्य और प्रकृति के चक्र को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी माना गया है, तो आइए इस अवधि के बारे में धार्मिक, सांस्कृतिक, ज्योतिषीय और खगोलीय महत्व तथा कुछ रोचक तथ्य जानते हैं...
 
▪️ 1. पृथ्वी और सूर्य की निकटता:- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी, मई के अंत और जून की शुरुआत में पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे गर्मी अधिक महसूस होती है। इन दिनों पृथ्वी और सूर्य की निकटता बढ़ जाती है। इस कारण ये नौ दिन खूब तपते हैं।
 
▪️ 2. सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश:- नौतपा उस समय शुरू होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। रोहिणी नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है, जो शीतलता का प्रतीक है। हालांकि, सूर्य का इस नक्षत्र में आना पृथ्वी पर उसकी किरणों की सीधी और तीव्र गर्मी लाता है।
 
▪️ 3. मानसून का पूर्वानुमान:- ऐसा माना जाता है कि नौतपा के शुरुआती 9 दिनों में जितनी अधिक ज्यादा गर्मी पड़ती है, मानसून या बारिश भी उतनी ही अच्छी होती है। यह इसलिए है क्योंकि तेज गर्मी से समुद्र और भूमि से नमी तेजी से वाष्पित होती है, जो मानसून के बादलों के निर्माण में सहायक होती है।
 
▪️ 4. सूर्य देव की उपासना:- नौतपा के दौरान भगवान सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। उन्हें जल चढ़ाना, उनके मंत्रों का जाप करना और दान करना इस अवधि में शुभ माना जाता है।
 
▪️ 5. गर्मी से राहत के उपाय:- इस दौरान लोग गर्मी से राहत पाने के लिए विभिन्न धार्मिक और पारंपरिक उपाय करते हैं, जैसे शीतल पेय पदार्थों का सेवन, शरीर पर चंदन का लेप लगाना, पंखे और ठंडी वस्तुओं का दान करना आदि।
 
▪️ 6. शुभ कार्यों से बचाव:- कुछ मान्यताएं यह भी कहती हैं कि नौतपा के दौरान कुछ शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं किए जाने चाहिए, क्योंकि इस समय मौसम की तीव्रता अप्रत्याशित हो सकती है।
 
▪️ 7. दान का महत्व:- नौतपा के नौ दिनों में जल, अन्न, वस्त्र, छाता और शीतल पदार्थों का दान करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। ऐसा करने से ग्रहों को शांति मिलती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
 
▪️ 8. प्राकृतिक संतुलन:- भले ही यह समय भीषण गर्मी का होता है, लेकिन यह पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन के लिए भी आवश्यक माना जाता है, जो आगे चलकर अच्छी वर्षा में सहायक होता है। अत: प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए नौतपा तपना लाभकारी होता है।
 
▪️ 9. शरीर और मन पर प्रभाव:- नौतपा की तेज गर्मी का प्रभाव न केवल मौसम पर बल्कि लोगों के स्वास्थ्य और मन पर भी पड़ता है। इसलिए इस दौरान हल्का भोजन करने और शांत रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान तेज धूप के दौरान घरों में रहना तथा निरंतर शीतल पदार्थों का सेवन करना चाहिए तथा सूती तथा लाइट कलर के वस्त्रों को धारण करके मन और शरीर को शांत रखा जा सकता है।

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