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KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...


भारत सरकार ने देश में एड्रेसिंग सिस्टम को मॉडर्न और सटीक बनाने के लिए एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसे DIGIPIN कहा जा रहा है। यह सिस्टम ट्रेडिशनल पिन कोड से एक बड़ा बदलाव है और इसे एक नई डिजिटल रिवोल्यूशन के रूप में देखा जा रहा है। DIGIPIN से हर व्यक्ति हर संपत्ति और हर स्थान को एक सटीक और यूनिक डिजिटल पहचान मिलेगी।

>> DIGIPIN क्या है? <<

DIGIPIN एक 10 कैरेक्टर का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है, जो भारत की हर लोकेशन को लगभग 4 मीटर x 4 मीटर के छोटे दायरे में पहचान देता है। यह कोड सीधे उस स्थान के जियो-लोकेशन (latitude और longitude) से जुड़ा होता है।

इस सिस्टम को भारतीय डाक विभाग ने IIT हैदराबाद और ISRO के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की मदद से विकसित किया है। इस डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम का मकसद देश के हर कोने को चाहे वह शहर हो, गांव हो या समुद्री इलाका एक यूनिक पहचान देना है।

>> पुराने PIN कोड को नहीं हटाया जाएगा <<

कई लोग सोच सकते हैं कि DIGIPIN आने के बाद पुराना 6 अंकों वाला PIN कोड सिस्टम बंद हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। DIGIPIN को एक अतिरिक्त स्तर की सटीकता देने के लिए बनाया गया है, न कि पुराने सिस्टम की जगह लेने के लिए। यानी आपके ट्रेडिशनल पते के साथ-साथ अब एक डिजिटल कोड भी होगा, जो उस स्थान को और अधिक सटीकता से बताएगा।

>> किन सेवाओं में DIGIPIN करेगा मदद? <<

DIGIPIN का इस्तेमाल कई सरकारी और प्राइवेट सेवाओं को बेहतर बनाने में किया जाएगा, जैसे ई-कॉमर्स, डिलीवरी, Flipkart, Amazon जैसी कंपनियों की डिलीवरी ज्यादा तेज और सही स्थान तक पहुंचेगी।

• आपातकालीन सेवाएं : एम्बुलेंस, पुलिस या फायर ब्रिगेड अब किसी जगह को तेजी से और सटीक रूप से ट्रैक कर सकेंगी।

• सरकारी योजनाएं : सरकारी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक भी पहुंचेगा, जिनके पास कोई स्थायी पता नहीं है।

• गांव और अनियंत्रित कॉलोनियां : जहां एड्रेसिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, वहां भी हर घर को एक यूनिक कोड मिलेगा।

>> प्राइवेसी और सुरक्षा का पूरा ध्यान <<

डाक विभाग ने यह साफ किया है कि DIGIPIN सिस्टम ओपन-सोर्स और प्राइवेसी-फ्रेंडली है। इसमें केवल स्थान की जानकारी होती है, किसी भी व्यक्ति का पर्सनल डेटा या नाम पता इसमें शामिल नहीं किया जाता। इसका मतलब यह है कि DIGIPIN केवल जगह की पहचान करता है, व्यक्ति की नहीं।

>> कैसे बनाएं अपना DIGIPIN? <<

डाक विभाग ने इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है:

Know Your DIGIPIN Portal

इस वेबसाइट पर जाकर आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं...

~ वेबसाइट पर जाएं

~ अपना स्थान मैप पर सिलेक्ट करें

~ सिस्टम उस जगह का यूनिक DIGIPIN जेनरेट करेगा

~ आप उस कोड को डाउनलोड या सेव कर सकते हैं

इस प्रक्रिया में किसी दस्तावेज़ या पहचान पत्र की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह पूरी तरह से लोकेशन पर आधारित है।

>> डिजिटल इंडिया के रास्ते में एक और अच्छा कदम <<

DIGIPIN को लॉन्च करके भारत ने डिजिटल इंडिया मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इससे लास्ट माइल डिलीवरी, स्मार्ट सिटी प्लानिंग, आपदा मेनेजमेंट और डिजिटल गवर्नेंस जैसी सुविधाएं और भी सटीक और अच्छी बनेंगी।

अब हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी कोने में क्यों न रहता हो एक डिजिटल पहचान के जरिए राष्ट्रीय नक्शे पर दर्ज हो सकेगा। इससे न केवल तकनीकी व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि देश का हर नागरिक डिजिटल रूप से जुड़ा महसूस करेगा।

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