मुख्य बिंदु:-
H3 का मुख्य उद्देश्य सरकार और वाणिज्यिक उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में उठाना, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को आपूर्ति प्रदान करना और अंतरिक्ष स्टेशन तक कार्गो ले जाना है। प्रति लॉन्च इसकी कम लागत वैश्विक लॉन्च बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करती है।
H3 लॉन्च विफल क्यों हुआ?
ऊर्जा व्यवस्था की विफलता के कारण रॉकेट का दूसरा चरण प्रज्वलित नहीं हुआ। रॉकेट तरल प्रणोदक और स्ट्रैप-ऑन ठोस रॉकेट बूस्टर का उपयोग करता है।
H3 रॉकेट का विकास किसने किया?
मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज ने JAXA के साथ मिलकर H3 रॉकेट विकसित किया है। यह रॉकेट तरल ईंधन इंजन का उपयोग करता है। H3 रॉकेट फालकॉन 9 की तुलना में सस्ता है क्योंकि यह फालकॉन की तुलना में बहुत कम घटकों का उपयोग करता है। H3 रॉकेट की कीमत 36 मिलियन डॉलर है। Falcon 9 की कीमत 67 मिलियन डॉलर है।
H3 रॉकेट के लिए भविष्य की योजनाएं
जापान H3 रॉकेट से चंद्रमा का पता लगाने के लिए उपग्रह भेजने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, जापान की H3 रॉकेट के साथ बड़ी व्यावसायिक योजनाएँ हैं। JAXA ने H3 रॉकेट श्रृंखला के वाणिज्यिक विंग को लॉन्च करने के लिए मित्सुबिशी के साथ हाथ मिलाया है। देश H3 के पूर्ववर्ती H-IIA के साथ कई परियोजनाओं की योजना बना रहा है। H-IIA की सफलता दर काफी अच्छी है। यह 46 लॉन्च में सिर्फ एक बार फेल हुआ है।
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