हम सबने एक्सपीरियंस किया है, मच्छर, काटने से ज्यादा डिस्टर्ब करता है। वह बार-बार चेहरे के सामने आ जाता है। कान के पास में आकर आवाज करता है। नतीजा, हमारी मर्जी के बिना हमारा हाथ मच्छर की हत्या करने के लिए बढ़ जाता है। सवाल यह है कि मच्छर बार-बार चेहरे के सामने क्यों आता है। क्या वह सुसाइड करना चाहता है, या फिर कोई और कारण है। आइए पता लगाते हैं:-
⚫ रात के अंधेरे में मच्छर इंसानों को कैसे ढूंढ लेता है, क्या उल्लू की तरह उन्हें भी अंधेरे में दिखता है 👉🏻
मच्छर बार-बार चेहरे के सामने क्यों आता है और रात के अंधेरे में मच्छर इंसानों को कैसे ढूंढ लेता है, दोनों प्रश्नों का एक ही उत्तर है। मच्छर की आंखों में उल्लू की आंखों जैसी विशेषता नहीं होती लेकिन सेंसिंग ऑर्गेन्स बड़े जबरदस्त होते हैं। मादा मच्छर जो इंसानों का खून चूसती है, 30 फीट से अधिक दूरी से भी कार्बन डाईऑक्साइड की गंध को पहचान लेती है। अपनी सांसों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड के कारण मच्छर खींचे चले आते हैं।
⚫ मच्छर शिकारी जानवर की तरह पीछे से आकर क्यों नहीं काटता 👉🏻
यदि मच्छर में थोड़ा सा भी दिमाग होता तो निश्चित रूप से वह किसी शिकारी शेर चीते की तरह पीछे से हमला करता लेकिन भगवान ने मच्छरों में यह खास बात नहीं डाली अन्यथा इंसानों का जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है। मुद्दे की बात यह है कि मच्छर कार्बन डाइऑक्साइड की गंध की दिशा में आगे बढ़ते हैं। यदि किसी मनुष्य के शरीर में पसीना मौजूद है तो मच्छर वहां पर भी काटता है, लेकिन यदि पसीना नहीं है तो मच्छर के पास कोई ऑप्शन नहीं रह जाता।
इसीलिए तो शाम के समय सादा पानी से नहाने के लिए कहा जाता है। ताकि पसीना साफ हो जाए और मच्छर के हमलों से बचा जा सके।
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