भारत सरकार द्वारा फ्लेक्स इंजन ( Flex Engines ) का उपयोग करने वाले फ्लेक्स - फ्यूल वाहनों के लिए दिशानिर्देश जारी करने की योजना है ...
■ फ्लेक्स फ्यू वाहनों के इंजन , ऐसे इंजन होते हैं जो एक से ज्यादा ईंधनों का उपयोग कर सकते हैं । ऐसे इंजन पेट्रोल के साथ - साथ इथेनॉल , सीएनजी , बायो - एलएनजी और इलेक्ट्रिक पॉवर का भी उपयोग कर सकते हैं । - इस प्रकार के वाहन वर्तमान में ब्राजील में सफलतापूर्वक उपयोग किए जा रहे हैं , जिससे लोगों को कीमत और सुविधा के आधार पर फ्यूल ( गैसोलीन और इथेनॉल ) को चुनने का विकल्प मिलता है ।
■ विदित है कि इथेनॉल और मेथेनॉल ईंधनों को गन्ना , मक्का और दूसरे कृषि अपशिष्ट से तैयार किया जा सकता है । इस प्रकार यह सस्ते ईंधन का विकल्प प्रदान करने के साथ ही भारत की आयातित ईंधन पर निर्भरता को भी कम करेगा ।
■ देश में वाहन निर्माताओं को फ्लेक्स फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( FFSHEV ) बनाने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है । इंजन के ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव ( PLI ) योजना में शामिल किया गया है ।
■ इसके अतिरिक्त , नीति आयोग ने 2020-2025 की अवधि के लिए इथेनॉल सम्मिश्रण हेतु रोडमैप भी तैयार किया है ।
0 comments:
Post a Comment