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अनुच्छेद 99 के बारे में  खबरों में क्यों? संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के खतरों को संबोधित करने के लिए संयुक्त ...


 चर्चा में क्यों :- 
हाल ही में , भौतिक विज्ञानी यूजीन पार्कर , जिन्होंने सौर पवन ( solar wind ) के अस्तित्व को सिद्ध किया था , का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया है । नासा ने 2018 में इनके सम्मान में एक अंतरिक्ष यान का नाम रखा था , यह यान सूर्य के कोरोना में पहुंचने वाली पहली मानव निर्मित वस्तु है । 

• इस सोलर प्रोब को सूर्य का अध्ययन करने के लिए 12 अगस्त , 2018 को नासा द्वारा लॉन्च किया गया था । यह यान अपनी यात्रा के दौरान बुध की कक्षा से होकर गुजरेगा और अपने पथ पर आवश्यक गति प्राप्त पार्कर सोलर प्रोब , सूर्य से संबंधित तीन मुख्य रहस्यों को सुलझाने में सहायक होगा , पहला कोरोना ( सूर्य का करने के लिए शुक्र ग्रह के गुरुत्वाकर्षण वायुमंडल ) दूसरा- सूर्य के शक्ति का भी उपयोग करेगा । इस दौरान मैग्नेटिक फील्ड और यह यान कई बार कोरोना से होते हुए 2025 में सूर्य से 61.6 लाख किलोमीटर की निकटम दूरी तक पहुंचेगा ।

• विदित है कि सूर्य का वायुमंडल जिसे कोरोना भी कहा जाता है , का तापमान लगभग 11 लाख डिग्री सेल्सियस ( करीब 20 लाख डिग्री फॉरहेनहाइट ) होता है । वैज्ञानिकों ने लाखों डिग्री के इस तापमान से यान को बचाने के लिए विशेष तकनीक वाली कार्बन कंपोजिट हीट शील्ड्स का उपयोग किया है ।

[पार्कर सोलर प्रोब , सूर्य से संबंधित तीन मुख्य रहस्यों को सुलझाने में सहायक होगा , पहला कोरोना ( सूर्य का वायुमंडल ) दूसरा- सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड और तीसरा- सूर्य से निकलने वाले आवेशित कण]

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