•मैंग्रोव सामान्यतः वे वृक्ष होते हैं जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के तटों, ज्वारनदमुख, ज्वारीय कीक्र, बैकवाटर (Backwater), लैगून एवं पंक जमावों में विकसित होते हैं।
•ऐसा समझा जाता है कि मैंग्रोव वनों का सर्वप्रथम उद्गम भारत के मलय क्षेत्र में हुआ और आज भी इस क्षेत्र में विश्व के किसी भी स्थान से अधिक मैंग्रोव प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
•यह धारणा कि मैंग्रोव केवल खारे पानी में उग सकते हैं सही नहीं है। ये ताज़े पानी वाले स्थानों पर भी उग सकते हैं लेकिन तब इनकी वृद्धि सामान्य से कम होती है।
•किसी मैंग्रोव क्षेत्र में पौधों की प्रजातियों की संख्या तथा उनके घनत्व को नियंत्रित करने वाला मुख्य कारक उस क्षेत्र की वनस्पतियों के खारे पानी को सहन करने की क्षमता तथा तापमान है।
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