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KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...

अमेरिकी प्रतिद्वंद्वियों को प्रतिबंधो के माध्यम से प्रत्युत्तर अधिनियम‘ (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act- CAATSA) का प्रमुख उद्देश्य दंडात्मक उपायों के माध्यम से ईरान, उत्तर कोरिया और रूस को प्रत्युत्तर देना है।

यह अधिनियम मुख्य रूप से, यूक्रेन में रूसी सैन्य हस्तक्षेप और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित रूसी छेड़छाड़ की पृष्ठभूमि में रूसी हितों, जैसे कि, इसके तेल और गैस उद्योग, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र, और वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित है।

अमेरिका द्वारा CAATSA जैसे कानून को लागू करने का कारण

संयुक्त राज्य अमेरिका में हुए चुनावों के बाद चुनावों में तथाकथित रूसी हस्तक्षेप, जिसे कुछ अमेरिकियों द्वारा मिलीभगत भी कहा गया था, का आरोप लगाया गया था। इसके बाद वाशिंगटन और मॉस्को के बीच तनाव एक नए स्तर पर पहुंच गया।

विश्व भर में मॉस्को की कार्रवाइयों से नाराज, अमेरिकी कानूनविदों द्वारा रूस को इसके संवेदनशील जगहों, जैसे कि रक्षा और ऊर्जा व्यवसाय, पर चोट पहुचाने के उद्देश्य से CAATSA क़ानून पारित किया गया था।

भारत के रक्षा परिदृश्य हेतु इसका निहितार्थ

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) आर्म्स ट्रांसफर डेटाबेस के अनुसार, वर्ष 2010-17 के दौरान रूस, भारत के लिए शीर्ष हथियार आपूर्तिकर्ता था।

भारत के अधिकांश हथियार सोवियत / रूसी मूल के हैं – परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र (INS Chakra), किलो-क्लास पारंपरिक पनडुब्बी, सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, मिग 21/27/29 और Su-30 MKI लड़ाकू विमान, IL-76/78 परिवहन विमान, T-72 और T-90 टैंक, Mi- श्रंखला के हेलीकॉप्टर, और विक्रमादित्य विमान वाहक पोत।

इसलिए, CAATSA से भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है और एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में अमेरिका की छवि भी धूमिल हो सकती है।

हालांकि, भारत को S-400 वायु रक्षा प्रणाली संबंधी सौदे के लिए निवर्तमान ट्रम्प प्रशासन से छूट मिली हुई है, और दिल्ली को उम्मीद है कि बिडेन प्रशासन द्वारा इस छूट संबंधी निर्णय में परिवर्तन नहीं किया जायेगा।

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