• हाथी एक कीस्टोन प्रजाति है।
• एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं- भारतीय, सुमात्रन और श्रीलंकाई।
• महाद्वीप पर शेष बचे हाथियों की तुलना में भारतीय हाथियों की संख्या और रेंज व्यापक है।
भारतीय हाथियों की संरक्षण स्थिति:
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय (Endangered)
CITES: परिशिष्ट-I
• एशियाई हाथियों की लगभग 50% आबादी भारत में पाई जाती है, हाथी जनगणना 2017 के अनुसार, देश में हाथियों की कुल संख्या 27,312 जोकि वर्ष 2012 में हाथियों की संख्या से लगभग 3,000 कम है।
हाथियों के संरक्षण के लिये भारत की पहल:
गज यात्रा: यह हाथियों की रक्षा के लिये शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी अभियान है जिसकी शुरुआत वर्ष 2017 में विश्व हाथी दिवस के अवसर पर की गई थी।
प्रोज़ेक्ट एलीफेंट: यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे वर्ष 1992 में शुरू किया गया था।
उद्देश्य:
• हाथियों, उनके आवासों और गलियारों की सुरक्षा करना
• मानव-पशु संघर्ष के मुद्दों को हल करना
• बंदी/कैद हाथियों का कल्याण करना
अंतर्राष्ट्रीय पहल:
• हाथियों की अवैध हत्या की निगरानी (Monitoring of Illegal Killing of Elephants- MIKE) कार्यक्रम: इसे CITES के पक्षकारों का सम्मेलन (Conference Of Parties- COP) द्वारा अज्ञापित किया गया है।
इसकी शुरुआत दक्षिण एशिया में (वर्ष 2003) निम्नलिखित उद्देश्य के साथ की गई थी:
हाथियों के अवैध शिकार के स्तर और प्रवृत्ति को मापना।
इन प्रवृत्तियों में समय के साथ हुए परिवर्तन का निर्धारण करना।
इन परिवर्तनों या इनसे जुड़े कारकों को निर्धारित करना और विशेष रूप से इस बात का आकलन करना कि CITES के COP द्वारा लिये गए किसी भी निर्णय का इन प्रवृत्तियों पर क्या प्रभाव पड़ा है।
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