• नासा की जलवायु अनुसंधान वैज्ञानिक ' सिंथिया रोसेनज़वेग ' को विश्व खाद्य पुरस्कार ( World Food prize ) से सम्मानित किया गया है । इन्होने अपने करियर का अधिकांश समय यह समझाने में बिताया है कि ' वैश्विक खाद्य उत्पादन ' को किस प्रकार बदलती जलवायु के अनुकूल होना चाहिए ।
• कृषि विज्ञानी और जलवायु विज्ञानी ' सिंथिया रोसेनज़वेग ' को ' खाद्य उत्पादन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव ' पर उनके द्वारा तैयार किए गए अभिनव मॉडल के सम्मान में $ 250,000 का पुरस्कार दिया गया है ।
✓' विश्व खाद्य पुरस्कार ' के बारे में :-
विश्व खाद्य पुरस्कार , विश्व में भोजन - गुणवत्ता , मात्रा या उपलब्धता में सुधार करके मानव विकास करने संबंधी कार्य करने वाले व्यक्तियों की विशिष्ट उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करने हेतु दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है ।
• पुरस्कार के अंतर्गत कवर किए जाने वाले क्षेत्र : पादप , पशु और मृदा विज्ञान ; खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी ; पोषण , ग्रामीण विकास , आदि सहित विश्व खाद्य आपूर्ति से संबंधित सभी क्षेत्र ।
• पात्रता :-
• यह पुरस्कार , सभी नृजातियों , धर्मों , राष्ट्रीयता या राजनीतिक मान्यताओं के किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है ।
• नकद पुरस्कार : $ 2,50,0001
• यह पुरस्कार , ' विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ' द्वारा प्रदान किया जाता है । इस फाउंडेशन में लगभग 80 से अधिक कंपनियां और निजी व्यक्ति दानकर्ता के रूप में शामिल हैं ।
• इस पुरस्कार की परिकल्पना , वैश्विक कृषि में अपने कार्यों के लिए वर्ष 1970 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ . नॉर्मन ई बोरलॉग ( Norman E. Borlaug ) द्वारा की गयी थी । इनके लिए हरित क्रांति के जनक के रूप में भी जाना जाता है ।
• विश्व खाद्य पुरस्कार का गठन वर्ष 1986 में किया गया था , इसके प्रायोजक ' जनरल फ़ूड कॉर्पोरेशन ' थे ।
• इसे “ खाद्य और कृषि क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार " के रूप में भी जाना जाता है ।
• यह पुरूस्कार सर्वप्रथम वर्ष 1987 में , भारत में हरित क्रांति के जनक डॉ . एम . एस . स्वामीनाथन को दिया 1 गया था ।
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