संदर्भ : -
• जम्मू और कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से , जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों ( Presidential Elections ) में संसद सदस्य के वोट का मूल्य 708 से घटकर 700 हो जाने की संभावना है ।
पृष्ठभूमि : -
• अगस्त 2019 में ' लद्दाख ' तथा ' जम्मू एवं कश्मीर ' दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने से पहले , तत्कालीन जम्मू - कश्मीर राज्य में 83 विधानसभा सीटें थीं ।
•' जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू - कश्मीर में एक विधान सभा होगी , जबकि लद्दाख पर सीधे केंद्र का शासन होगा ।
✓ एक सांसद के बोट का मूल्य :-
राष्ट्रपति निर्वाचन में एक सांसद के वोट का मूल्य दिल्ली , पुडुचेरी और जम्मू और कश्मीर सहित राज्यों की विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में निर्वाचित सदस्यों की संख्या पर आधारित होता है ।
• वोट का मूल्य प्रवृत्तिः-
1. वर्ष 1952 में हुए पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य 494 था ।
2. वर्ष 1957 के राष्ट्रपति चुनाव में इसमें मामूली रूप से वृद्धि हुई और इसकी कीमत बढ़कर 496 हो गयी , इसके बाद 1962 के राष्ट्रपति चुनाव में एक संसद सदस्य के वोट का मूल्य 493 तथा वर्ष 1967 और वर्ष 1969 के चुनाव में इसका मूल्य 576 रहा ।
3. वर्ष 1974 के राष्ट्रपति चुनाव में एक सांसद के वोट का मूल्य 723 था । वर्ष 1977 से 1992 तक के राष्ट्रपति चुनावों के लिए इसे 702 निर्धारित किया गया था ।
✓ राष्ट्रपति का चुनावः
• भारत के राष्ट्रपति का चुनाव एक ' निर्वाचक मंडल प्रणाली ( Electoral College System ) के माध्यम से किया जाता है , जिसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर के विधि - निर्माताओं द्वारा वोट डाले जाते हैं ।
• राष्ट्रपति का चुनाव , भारत के निर्वाचन ( Election Commission of India ) द्वारा आयोजित और अपनी देखरेख में किया जाता है ।
निर्वाचक मंडल :-
राष्ट्रपति के चुनाव हेतु निर्वाचक मंडल ' ( Electoral College ) , संसद के ऊपरी और निचले सदनों ( राज्य सभा और लोकसभा ) के सभी निर्वाचित सदस्यों ( सांसदों ) , तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों ( विधायकों ) से बना होता है ।
✓ राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए चुनावी प्रणाली / प्रक्रिया : राष्ट्रपति का चुनाव ' आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली ( System of Proportional Representation ) के अनुसार एकल संक्रमणीय मत ' ( Single Transferable Vote ) के माध्यम से किया जाता है , और ऐसे चुनाव में मतदान ' गुप्त मतदान ' द्वारा किया जाता है ।
प्रक्रिया :
• मतदान से पहले , नामांकन चरण आता है , जिसमें चुनाव में खड़े होने का इरादा रखने वाले उम्मीदवार द्वारा 50 प्रस्तावकों और 50 समर्थकों की हस्ताक्षरित सूची के साथ नामांकन दाखिल किया जाता है ।
• ये प्रस्तावक और समर्थक , राज्य और राष्ट्रीय स्तर के निर्वाचक मंडल के कुल सदस्यों में से कोई भी हो सकते हैं ।
• निर्वाचक मंडल में शामिल एक मतदाता , एक से अधिक उम्मीदवारों के नामांकन के लिए प्रस्ताव या समर्थन नहीं कर सकता है ।
✓ प्रत्येक वोट का मूल्य और इसकी गणना :-
• प्रत्येक विधानसभा के निर्वाचित सदस्य के मतों की की संख्या की गणना करने के लिए , उस राज्य की जनसँख्या को , उस राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों की संख्या से विभाजित करके तथा प्राप्त भागफल को 1000 से विभाजित किया जाता है ।
• सभी सांसदों के वोटों का संयुक्त मूल्य , लगभग सभी विधायकों के संयुक्त मूल्य के बराबर होता है ।
विजेता का निर्णय :-
1. राष्ट्रपति चुनाव का विजेता , वह व्यक्ति नहीं होता जिसे सबसे अधिक वोट मिलते हैं , बल्कि वह व्यक्ति होता है जिसे एक निश्चित कोटे ( आवश्यक न्यूनतम संख्या ) से अधिक वोट मिलते हैं ।
2. यह कोटा , प्रत्येक उम्मीदवार के लिए डाले गए कुल मतों के योग को 2 से विभाजित करके और भागफल में ' 1 ' जोड़कर निर्धारित किया जाता है ।
3. जिस उम्मीदवार के लिए निर्धारित कोटे से अधिक मत प्राप्त होते है वह विजेता होता है । यदि किसी भी उम्मीदवार को ' कोटे ' से अधिक वोट नहीं मिलते हैं , तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को मतगणना से हटा दिया जाता है ।
4. फिर , हटाए गए उम्मीदवारों के मतपत्रों को दूसरी वरीयता पसंद के आधार पर शेष उम्मीदवारों के बीच वितरित कर दिया जाता है ।
5 . इसके बाद प्रत्येक उम्मीदवार के लिए कुल मतों की गिनती की प्रक्रिया फिर दोहराई जाती है , और यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है , जब तक कोई भी प्रत्याशी वांछित मत प्राप्त करके विजेता घोषित नहीं कर दिया जाता ।
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