• एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक या डिस्पोज़ेबल प्लास्टिक (Disposable Plastic) ऐसा प्लास्टिक है जिसे फेंकने या पुनर्नवीनीकरण से पहले केवल एक बार ही उपयोग किया जाता है।
• एकल उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद जैसे- प्लास्टिक की थैलियाँ, स्ट्रॉ, कॉफी बैग, सोडा और पानी की बोतलें तथा अधिकांशतः खाद्य पैकेजिंग के लिये प्रयुक्त होने वाला प्लास्टिक।
• प्लास्टिक बहुत ही सस्ता और सुविधाजनक होने कारण इसने पैकेजिंग उद्योग से अन्य सभी सामग्रियों को परिवर्तित कर दिया है, लेकिन प्लास्टिक धीरे-धीरे विघटित होता है जिसमें सैकड़ों साल लग जाते हैं।
• भारत में प्रत्येक वर्ष उत्पादित 9.46 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे में से 43% सिंगल यूज़ प्लास्टिक है।
उपयोग:
• एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पाद संक्रमणकारी रोगों के प्रसार को भी रोकते हैं।
• सिरिंज, एप्लिकेटर, ड्रग टेस्ट, बैंडेज और वार्प जैसे उपकरणों को अक्सर डिस्पोज़ेबल बनाया जाता है।
• इसके अलावा खाद्य-अपशिष्टों के खिलाफ लड़ाई में भी एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों को सूचीबद्ध किया गया है, जो भोजन और पानी को अधिक समय तक ताज़ा रखता है और संदूषण की क्षमता को कम करता है।
समस्याएँ: पेट्रोलियम आधारित प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं होता है और आमतौर पर यह लैंडफिल में इस्तेमाल किया जाता है जहाँ यह भूमि एवं जल में प्रवेश कर धीरे-धीरे सागर में घुल जाता है।
• विघटन की प्रक्रिया में यह ज़हरीले रसायनों (प्लास्टिक को आकार देने और सख्त करने के लिये इस्तेमाल होने वाले एडिटिव्स) को निष्काषित करता है जो हमारे भोजन और पानी की आपूर्ति में अपना स्थान बना लेता है।
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