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KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) के अनुसार , ' फूड फोर्टिफिकेशन ' के द्वारा किसी खाद्यान्न को पोषणयुक्त बनाने हेतु उसमे सावधानी से आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों अर्थात् विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा में वृद्धि की जाती है । 
देश में खाद्य पदार्थों के लिए मानकों का निर्धारण करने वाली संस्था ' भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ( Food Safety and Standards Authority of India FSSAI ) के अनुसार , ' खाद्य - संवर्धन ' ( Food Fortification ) , ' किसी खाद्यान्न को पोषणयुक्त बनाने के लिए उसमे सावधानी से आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों अर्थात् विटामिन और खनिज तत्वों की मात्रा में वृद्धि करने की प्रक्रिया होती है । 

• इसका उद्देश्य आपूर्ति किए जाने वाले खाद्यान्न की पोषण गुणवत्ता में सुधार करना तथा न्यूनतम जोखिम के साथ उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना है ।

• यह आहार में सुधार और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी का निवारण करने हेतु एक सिद्ध , सुरक्षित और लागत प्रभावी रणनीति है । 

संवर्धित चावल ( Fortified rice ) :- खाद्य मंत्रालय के अनुसार , आहार में विटामिन और खनिज सामग्री को बढ़ाने के लिए चावल का संवर्धन ( fortification ) किया जाना एक लागत प्रभावी और पूरक रणनीति है ।

 • FSSAI द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार , 1 किलो संवर्धित चावल में आयरन ( 28 mg - 42.5mg ) , फोलिक एसिड ( 75 125 माइक्रोग्राम ) और विटामिन B - 12 ( 0.75-1.25 माइक्रोग्राम ) होगा । 

• इसके अलावा , चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ , एकल या संयोजन में , जस्ता ( 10 मिलीग्राम 15 मिलीग्राम ) , विटामिन A ( 500-750 माइक्रोग्राम आरई ) , विटामिन बी -1 ( 1 मिलीग्राम -5 मिलीग्राम ) , विटामिन बी -2 ( 1.25 mg - 1.75mg ) , विटामिन B3 ( 12.5mg - 20mg ) और विटामिन B6 ( 1.5mg - 2.5mg ) प्रति किग्रा के साथ भी संवर्धित किया जाएगा । 

' फूड फोर्टिफिकेशन ' के लाभ :-

 चूंकि , ' फूड फोर्टिफिकेशन ' के तहत व्यापक रूप से सेवन किए जाने वाले मुख्य खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की वृद्धि की जाती है , अतः आबादी के एक बड़े भाग के स्वास्थ्य में सुधार करने हेतु यह एक उत्कृष्ट तरीका है । 

● ' फोर्टिफिकेशन ' व्यक्तियों के पोषण में सुधार करने का एक सुरक्षित तरीका है और भोजन में सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिलाए जाने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं होता है । 

• इस पद्धति में लोगों की खान - पान की आदतों और पैटर्न में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं है , और यह लोगों तक पोषक तत्व पहुंचाने का सामाजिक - सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीका है ।

 ● ' फूड फोर्टिफिकेशन ' से भोजन की विशेषताओं स्वाद , अनुभव , स्वरूप में कोई बदलाव नहीं होता है । 

• इसे जल्दी से लागू किया जा सकता है और साथ ही अपेक्षाकृत कम समय में स्वास्थ्य में सुधार के परिणाम भी दिखा सकते हैं ।

 • यदि मौजूदा तकनीक और वितरण प्लेटफॉर्म का लाभ उठाया जाता है तो यह काफी लागत प्रभावी विधि साबित हो सकती है ।

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