संदर्भ : -
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधारों - विशेष रूप से सुरक्षा परिषद की भूमिका को लेकर लंबे समय से चल रही बहस अचानक तीव्र हो गई है । सुरक्षा परिषद के बारे में कहा जा रहा है , कि यह आज की दुनिया का प्रतिनिधित्व नहीं करती है और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को रोकने में विफल रही है । हाल ही में , यूक्रेन के राष्ट्रपति ' वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ' ने संयुक्त राष्ट्र से रूस को सुरक्षा परिषद से बाहर करने के लिए एक कटु स्वर में मांग की है और स्पष्ट रूप से पूछा , " क्या आप संयुक्त राष्ट्र को बंद करने और और अंतरराष्ट्रीय कानून का परित्याग करने के लिए तैयार हैं " । " यदि आपका जबाब ' नहीं ' है , तो आपको तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है ।
" संबंधित प्रकरण :
वीटो शक्तियां : - संयुक्त राष्ट्र द्वारा ' सुरक्षा परिषद ' के पांच स्थायी , वीटो - धारक सदस्यों को तारतम्यहीन शक्ति प्रदान की गयी है । इस प्रकार की शक्ति , इन सदस्यों को अपने हितों की रक्षा करने तथा अन्य वैश्विक मामलों में कड़ा रुख अपनाने की सहूलियत प्रदान करती है ।
• इस प्रकार , 2011 के बाद से , मास्को ने अपने सहयोगी देश ' सीरिया पर किए जाने वाले मतदानों में लगभग 15 बार सुरक्षा परिषद के वीटो पॉवर ( VETO POWER ) का प्रयोग किया है ।
• ' वीटो पॉवर ' इस बात की गारंटी प्रदान करती है कि ' स्थायी सदस्यों को सुरक्षा परिषद से कभी नहीं हटाया जा सकता है , क्योंकि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 6 में प्रवधान किया गया है , कि किसी सदस्य को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर ही ' संयुक्त राष्ट्र संघ ' से बाहर किया जा सकता है ।
सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच
• अंतरराष्ट्रीय संतुलन की कमी : ' संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में किसी भी अफ्रीकी या लैटिन अमेरिकी देश को ' स्थायी सीट नहीं दी गयी है ।
• सुझाए गए सुधार :
1. सुरक्षा परिषद का विस्तार : सुरक्षा परिषद में स्थायी ' और ' अस्थायी ' दोनों सदस्यों को अधिक संख्या में शामिल किया जाना चाहिए ।
2. ' बीटो पॉवर ' के प्रयोग को अधिक अनुशासित होना चाहिए ; इसका उद्देश्य प्रगति को अवरुद्ध करने के लिए " नहीं होना चाहिए , बल्कि " पांचो स्थायी सदस्यों को एक साथ बैठने और सभी के लिए स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए बाध्य करना " होना चाहिए ।
3. " सामूहिक अपराधों " के मामलों में वीटो के प्रयोग को सीमित किया जाना चाहिए ।
4. स्पष्टीकरण : किसी भी राष्ट्र द्वारा ' वीटो ' का प्रयोग किए जाने पर , महासभा के समक्ष इसका कारण स्पष्ट किया जाना चाहिए ।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर :-
संयुक्त राष्ट्र चार्टर ( UN Charter ) पर 26 जून , 1945 को फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए गए और यह 24 अक्टूबर , 1945 को लागू हुआ था ।
• यह संयुक्त राष्ट्र की आधारभूत संधि है ।
• उद्देश्यः भविष्य की पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने के साधन के रूप में सर्वोपरि के रूप में परिकल्पित ' संयुक्त राष्ट्र चार्टर ' में संयुक्त राष्ट्र संघ को , अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने , सामाजिक प्रगति और जीवन के बेहतर मानकों को बढ़ावा देने , अंतरराष्ट्रीय कानून को मजबूत करने और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है ।
• एक चार्टर के रूप में , यह एक निर्वाचक संधि ( Constituent Treaty ) है और सभी सदस्य इसके अनुच्छेदों से बंधे हुए हैं । चार्टर के अनुच्छेद 103 में कहा गया है , कि संयुक्त राष्ट्र के प्रति दायित्व अन्य सभी संधियों से संबंधित दायित्वों पर प्रबल होते हैं ।
संयुक्त राष्ट्र के चार प्रमुख लक्ष्य :
1. अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना ।
2. राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करना ।
3. अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना ।
4. इन सामान्य लक्ष्यों की प्राप्ति में राष्ट्रों के कार्यों में सामंजस्य स्थापित करने के केंद्र में होना ।
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