:::: MENU ::::

KHARAI CAMEL

●Name origin: From Gujarati “Khara” (saline) — denotes its adaptation to saline desert–coastal ecosystems. ●Unique feature: Only camel breed...

28 मई 1633 के दिन शाहजहां ने आगरा में सुधाकर और सूरत - सुंदर (उन दिनों हाथियों को हिंदी नाम दिए जाते थे) नामक दो हाथियों की लड़ाई का आयोजन किया। लड़ाई को देखने के अभिप्राय से औरंगजेब हाथियों के बहुत निकट पहुंच गया। अचानक बौराकर सुधाकर ने औरंगजेब पर हमला बोल दिया। यह 14 वर्षीय शाहजादा नि:शक होकर वहीं डटा रहा तथा हाथी के सिर पर भाले से वार किया। लेकिन हाथी बढ़ता चला आया और औरंगजेब को घोड़े से गिरा दिया। लेकिन वह फुर्ती से उठ खड़ा हुआ और उसने खड़े-खड़े ही तलवार से क्रुद्ध हाथी का सामना किया। शुजा और राजा जयसिंह मशालें व हथियार लिए आगे बढ़े लेकिन सुधाकर को औरंगजेब के पास से खींचकर दूर ले जाने और उसे फिर से भिडने को मजबूर करने में केवल सूरत सुंदर कामयाब रहा। शाहजहां ने औरंगजेब को सीने से लगा लिया और "बहादुर की पदवी" देकर उसकी वीरता की प्रशंसा की। दरबारी शायर अबू तालिब कामिल ने फारसी भाषा में इस घटना को यादगार बना देने वाले अशआर लिखे।

0 comments:

Popular Posts